साहित्यिक गतिविधियां समाज की दशा और दिशा का करती हैं निर्धारण- कुंवर आरपीएन सिंह

स्वच्छ एवं स्वस्थ राजनीति के लिए साहित्य का मार्गदर्शन आवश्यक: रजनीकांत मणि त्रिपाठी

पडरौना कुशीनगर: कुशीनगर के उदित नारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में विमर्श साहित्य संस्था की 50वीं मासिक काव्य गोष्ठी, डॉक्टर पुनीता त्रिपाठी की पुस्तक लक्ष्मी नारायण मिश्र के नाटकों में पात्र परिकल्पना का विमोचन एवं भोजपुरी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले साहित्यकारों को संयुक्त रूप से विमर्श भोजपुरी साहित्य सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया। शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन एवम् दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। विमर्श के अध्यक्ष आर के भट्ट “बावरा “उपाध्यक्ष ज्ञानवर्धन गोविंद राव और सचिव जय कृष्ण शुक्ल ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार के पूर्व गृह राज्य मंत्री कुंवर आरपीएन सिंह,विशिष्ट अतिथि विधायक पडरौना मनीष जायसवाल, पूर्व विधायक कुशीनगर रजनीकांत मणि त्रिपाठी, उदित नारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ रामनरेश दुबे,समाजसेवी दीप नारायण अग्रवाल और सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर संदीप अरुण श्रीवास्तव का माल्यार्पण करते हुए अंग वस्त्र देकर स्वागत अभिनंदन किया | महाविद्यालय की छात्रा रही एवं वर्तमान समय में महाराजगंज में श्री बद्री दास उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महाराजगंज की प्रधानाचार्य डॉक्टर पुनीता त्रिपाठी की पुस्तक ” पंडित लक्ष्मी नारायण मिश्र के नाटकों में पात्र परिकल्पना “का विमोचन उपस्थित अतिथि गणों के द्वारा किया गया। साथ ही विमर्श साहित्यिक संस्था के द्वारा भोजपुरी भाषा में श्रेष्ठ साहित्य सृजन के लिए श्रीमती माया शर्मा एवं अश्विनी द्विवेदी को संयुक्त रूप से विमर्श साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान के अंतर्गत सम्मान पत्र अंग वस्त्र तथा रुपए 5000 नगद धनराशि दी गई l इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुंवर आरपीएन सिंह ने अपने संबोधन में कहा की साहित्यिक गतिविधियां समाज के दशा और दिशा को तय करती है,हमें इस प्रकार के आयोजनों को और बढ़ावा देना चाहिए और इन सभी साहित्यकारों एवं कवियों को के लिए बड़े स्तर के कार्यक्रम का आयोजन करते हुए नई पीढ़ी के लोगों से रूबरू कराया जाना चाहिए। खासकर युवा छात्र-छात्राओं के लिए अत्यंत आवश्यक है | जबकि वर्तमान समय में मोबाइल ने किताबों को पढ़ने और अन्य प्रकार के पठन पाठन के कार्यों को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है। विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि राजनीति में स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण के निर्माण के लिए साहित्य का मार्गदर्शन आवश्यक है। सभी अतिथियों ने सम्मानित कवियों तथा पुस्तक के विमोचन के लिए डॉक्टर पुनीता त्रिपाठी की भूरी भूरी प्रशंसा की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना कीl कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर रामनरेश दुबे ने की जबकि संचालन अनूप मिश्रा ने किया इस अवसर पर काव्य गोष्ठी में कवि दिनेश भोजपुरीया, आकाश महेपुरी,सुजीत पांडे,गोमल यादव,रुबी गुप्ता,वकार वाहिद,जावेद सरवर,मदन मोहन पांडे, बलराम राय,नूरुद्दीन नूर,मधुसूदन पांडे, ओमप्रकाश द्विवेदी ओम,अर्शी वस्तवी, कल्पना मद्धेशिया,शैलेंद्र असीम कृष्ण श्रीवास्तव, राघव शरण मिश्रा,सुनील चौरसिया सावन,जय कृष्णा शुक्ला,रामनरेश शर्मा शिक्षक,सहित अन्य कवियों ने अपनी अपनी रचनाएं पढ़ी,जिस पर श्रोताओं ने जोरदार तालिया से उन्हें सराहा। इस अवसर पर शैलेंद्र दत्त शुक्ला डॉक्टर मनीष सिंह, डॉ आशुतोष त्रिपाठी, परशुराम श्रीवास्तव, डॉक्टर श्रीमती सुनीता पांडे,अरुणेशमिश्रा,मंटू बाबा बी एन मिश्रा,अनिल मिश्रा,नवनीत,रितेश, जगदंबा अग्रवाल,पत्रकार आफताब आलम,मनोज पासवान,पत्रकार डी के पांडे,अनुराग मिश्रा,सौरभ जयसवाल,राज सिंह,राहुल साहा,कृष्ण प्रताप चंदन, टी एन सिंह,विनय उपाध्याय,शैलेश उपाध्याय,शमशेर मल्ल आदि लोग उपस्थित रहे l

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