नाच, भांगड़ा या गाना बजाएंगे, तो इमाम कभी आपके घर नहीं जाएंगे: मदरसा कमेटी

(रज़ा हुसैन क़ादरी)

कुशीनगर: हमेशा मदरसा से शिक्षा के साथ-साथ नसीहत कर बुराईयों से दूर रखने की प्रक्रिया जारी रहती है। लेकिन कुछ जाहिल क़िस्म के लोग मदारिस व ओलमाए कराम पर इल्ज़ाम लगा कर बदनाम करते हैं। कुशीनगर के तमकुही राज अंतर्गत परसौनी बाज़ार (लोकापट्टी) में स्थित मदरसा ग़रीब नवाज़ इमदादुल उलूम के द्वारा बुराईयों को रोकने का काम शुरू है। शरीअत के नियमानुसार शादी व किसी फंक्शन में नाच, भांगड़ा या गाना वग़ैरह का इंतजाम करने पर इलाक़े के लोगों से तौबा करा कर दंडित भी किया जाता है ताकि लोगों को ग़लती करने का एहसास हो। और हाल ही में एक शख़्स की बुराई (भांगड़ा) का इंतजाम करने पर तौबा कराकर 2 फरवरी 2024 (जुम्आ) को दंडित किया गया और अह़द कराया गया कि आइंदा ऐसी ग़लती किसी के द्वारा न किया जाए। साथ ही मदरसा कमेटी की तरफ से दंड वाली प्रक्रिया को बदलकर (जनाज़ा, शादी या किसी भी हाल में) इमाम को न जाने का ऐलान किया गया है। यानि अगर कोई शादी या किसी मौक़ा पर नाच, भांगड़ा या गाना वग़ैरह का इंतजाम करेगा तो उसके घर कभी जनाज़ा, शादी या किसी मौक़ा पर मदरसा का स्टाफ या इमामे मस्जिद शरीक नहीं होगा। इसके साथ ही कमेटी के ज़िम्मेदार लोगों ने अवाम से कहा कि हम सभी इस्लामी भाईयों का ये दायित्व है कि एक दुसरे को बुराइयों से बचाने के साथ-साथ सामाजिक बुराईयों को भी दूर करने की कोशिश करें। इक़रारनामा पर मौलाना मंजूर निजा़मी, मक़बूल अहमद, हशमुद्दीन अली, जमालुद्दीन अली, सिराजुद्दीन, मुमताज़ अली, सलामत, महफूज़ अली, अकबर, आबिद हुसैन, शाहिद अली, रफीक़ मियां, जान मुहम्मद आदि लोगों ने दस्तखत करके समर्थन दिया। उक्त अवसर पर कमेटी के ज़िम्मेदारान के साथ गांव के दीगर लोग मौजूद रहे।

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