रज़ा हुसैन क़ादरी
कुशीनगर : दुनिया की सबसे बेहतरीन जगह मस्जिद को माना गया है क्योंकि ये ऐसी जगह है जहां ज़र्रा बराबर भी बुराई, या बदगुमानी का अंदेशा नहीं। यहां सिर्फ और सिर्फ इबादत की जाती है, क़ुरआन की तिलावत से लेकर नमाज़ व दीगर तस्बीह व अज़कार किए जाते हैं। इसलिए सबसे पाक और सुकून वाली जगह मस्जिद है। जुम्आ के दिन हर मुसलमान ख़ुदा के सामने हाज़िर हो कर इबादत करता है बाद में हर इमाम के द्वारा तमाम माओं व बहनों के इज़्ज़त व आबरू की हिफाज़त की दुआ की जाती है। बता दें कि जुम्आ को ख़ेताब के दौरान खुदा व रसूल की बातें होती हैं व लोगों को मस्जिद व मदरसा से क़रीब होने की दावत दी जाती है। ऐसे ही ख़ेताब के दौरान बताया गया व मुसलमानों को पैग़ाम दिया गया कि मस्जिद के कामों में हाथ बंटाने व साथ देने पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। साथ ही कहा गया कि ख़ुदा जिस बंदे को पसन्द करता है उसको मस्जिद की तामीर पर लगा देता है। हुज़ूर ने फ़रमाया कि जो एक चिड़िया के घर के बराबर भी मस्जिद तामीर करेगा खुदा उसके लिए जन्नत में महल बनाएगा।अभी सिर्फ मस्जिद में रौशनी (लाईट) का इंतजाम करने का ईनाम ये है कि जब तक वो लाईट मस्जिद में रहेगी फिरिश्ते उस इंतजाम करने वाले के लिए मगफिरत की दुआ़ करते रहेंगे।एक हदीस शरीफ़ का मफहूम बयान करते हुए बताया कि जिसका दिल मस्जिद से जुड़ा है, मस्जिद से लटका है उसके लिए खुदा तआला क़यामत के दिन जब कड़ी धूप (तपतपाती धूप) होगी और कोई साया (छाया) नहीं होगा तो उस वक्त ख़ुदा अपने अर्श का ठंडा साया (छाया) अ़ता करेगा। इसलिए सभी मुसलमान भाइयों से अपील है कि अपने – अपने मस्जिदों व इमामों से जुड़े रहें और जितना ज्यादा हो सके मदद करते रहें ताकि दुनिया व आख़िरत में कामयाब हो सकें।