कुशीनगर: बूढ़न शाह रहमतुल्लाह अलैह का उर्स आज ही मग़रिब बाद से कल शाम से पहले तक मनाया जाएगा। कुशीनगर में स्थित पडरौना अंतर्गत जंगल शाहपुर रौज़ा में बूढ़न शाह उर्फ सबूढ़न पीर रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स हर साल मनाया जाता है जिसमें मुस्लिमों के साथ ग़ैर मुस्लिम भी शरीक रहते हैं मेले में किसी तरह का भेदभाव नहीं होता है। कुशीनगर, देवरिया , महराजगंज, गोरखपुर, लखनऊ, के अलावा बिहार व नेपाल से भी लोग बड़े पैमाने पर आते हैं और बूढ़न शाह रहमतुल्लाह अलैह की ज़ेयारत करते हैं। साथ ही बूढ़न शाह के वसीला से अपनी मकसदों के पुरा होने की मांग करते हैं। मेले में आए जायरीनों का ख़ैर मक़दम के लिए पुरे गांव के लोग तैयार रहते हैं। साथ ही मेले में प्रशासन भी तैयार रहती है ताकि भीड़-भाड़ में किसी तरह का विवाद या कोई घटना न हो। ख़ास बात यह है कि मेला को हिंदु-मुस्लिम भाईचारा का मिसाल भी बताया जाता है। बग़ैर किसी भेदभाव के हर आगंतुकों को लंगरखाना के द्वारा खाना भी खिलाया जाता है। जिसकी मिक़दार पांच या सात दिन है। और मेला का मिक़दार लगभग एक महीना तक है। सभी मुंतजिरीन से आग्रह है कि मेले में आने वाले हज़रात समय पर पहुंच कर फैज़ियाब हों और अमन व भाईचारा बढ़ाने की क्रिपा करें।
शुरू हुआ बूढ़न शाह र. अ. का उर्स, जानिए कब और कैसे?
