9 वीं जिलहिज्जा (16/जून/2024) की फज्र से 13 वीं जिलहिज्जा (20/जून/2024) की अस्र तक पढ़ें तकबीरे तशरीक़।
हर फर्ज नमाज़ के बाद (जो जमाअते मुस्तहब्बा के साथ अदा हो)।
हर फर्ज नमाज़ के सलाम के फौरन बाद बुलंद आवाज़ से 1 बार तकबीरे तशरीक़ पढ़ना वाजिब है और 3 बार पढ़ना अफ़ज़ल है।
अकेले फ़र्ज़ पढ़ने वाले पर तकबीरे तशरीक़ वाजिब नहीं लेकिन पढ़ ले तो बेहतर है।
जुम्आ के बाद भी पढ़ना वाजिब है और ईद की नमाज़ के बाद भी पढ़ ले तो बेहतर है।
अगर इमाम के साथ पढ़ने में कुछ रकअ्त बाक़ी हो तो रकअ्त पूरी करने के बाद तकबीर पढ़े।
अगर इमाम तकबीर कहना भूल जाए तो मुक़तदीयों पर पढ़ना वाजिब है, लेहाजा मुक़तदी तकबीर पढ़े।
औरतों पर तकबीर तशरीक़ वाजिब नहीं।