इफ्तार के एहतेमाम पर फिरिश्ते करते हैं अस्तग़्फार : रोज़ेदार

रज़ा हुसैन क़ादरी

कुशीनगर: रमज़ान का मुबारक महीना चल रहा है मुसलमान रमज़ान का रोज़ा रखने के साथ-साथ पांच वक्त की नमाज़ व तरावीह की नमाज़ भी बड़ी शौक़ से अदा कर रहे हैं व खूब नेकियां बटोर रहे हैं। ये वही महीना है जिसमें नफ़्ल अदा करने पर सुन्नत के बराबर व सुन्नत अदा करने पर फर्ज के बराबर और फर्ज पढ़ने पर 70 फ़र्ज़ अदा करने का सवाब मिलता है और हां सिर्फ नमाज़ में ही नहीं बल्कि हर नेकीयों का मुका़म सत्तर (1×70) गुना हो जाता है। इसलिए लोग ख़ूब ज्यादा इबादत में मसरूफ हो कर खुदा से रहमत, बरकत व मग़्फिरत की गुहार लगाते हैं। मस्जिदों में इबादत के अलावा भी लोग रोजेदारों के इफ्तार या खाने-पीने का इंतजाम करके भी खूब नेकियां हासिल करते हैं। जैसे- “रोजेदारों को इफ्तार कराने में रोज़ा रखने वाले के बाराबर सवाब मिलता है। (हदीस) “ इसके अलावा भी क‌ई तरीकों से रमज़ान के फुयूज़ व बरकात से मालामाल होने का मौक़ा मिलता है। और हर जगह रमज़ान में लोग इफ्तार व खाना का एहतेमाम कर नेकियां हासिल करते हैं।

रोजेदारों के साथ- साथ बच्चों की हुजूम।

ऐसे ही लगभग 7-8 साल पहले से ही पडरौना के अंतर्गत सोहरौना खिरकिया के कुछ जिम्मेदार लोग मिलकर पूरे ग्रामवासियों के तरफ़ से इफ्तार (रोज़ा खोलने) व खाना का एहतेमाम कर ख़ूब नेकियां बटोरने का काम करते हैं और फिर उसी तरह 12 रमज़ान (दिन – जुमेरात) की शाम में इफ्तार व खाना का इंतजाम कर लोगों के दिलों में रमज़ान की रहमत, बरकत याद दिलाने व ख़ुदा की शुक्रिया अदा करने का काम किए। बादहू लोगों ने बताया कि सामूहिक इफ्तार व दावत का इंतजाम करने का मकसद नेकियां हासिल करने के साथ सभी लोगों को एकजुट होने व आपसी मिलन – जुलन करने का है जिस से सभी लोग इकट्ठा होकर मिलने व कुछ खास बातें करने का मौक़ा मिलता है। उक्त अवसर पर सोहरौना के रोजेदारों के साथ-साथ बच्चे भी शामिल रहे।

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